● आजाद मैदान से लेकर मंत्री निवास तक गूंजे नारे

मुंबई। ओला, उबर और रैपिडो ड्राइवरों ने मंगलवार, 30 सितंबर 2025 को मुंबई के आजाद मैदान में सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को सामने लाने के लिए उन्होंने सड़क पर उतरकर ‘भीख मांगो आंदोलन’ किया। ड्राइवरों ने साफ कहा कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आगामी विधानसभा चुनाव में वे महायुति सरकार के खिलाफ वोट डालने की शपथ से पीछे नहीं हटेंगे।
ड्राइवर क्यों हैं नाराज?
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ऐप-आधारित कंपनियां सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए उन्हें बेहद कम किराया दे रही हैं। पहले रेडियो टैक्सी सेवा में जहाँ 22 रुपये प्रति किलोमीटर तक भुगतान होता था, अब यह घटकर 8 रुपये से भी नीचे आ गया है। ड्राइवरों ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार कंपनियों का पक्ष ले रही है। कंपनियों द्वारा नियम तोड़ने के बावजूद, न तो उन पर जुर्माना लगाया गया और न ही ब्लैकलिस्ट किया गया। उलटे उन्हें अस्थायी लाइसेंस जारी कर दिए गए। इसके साथ ही, ड्राइवरों ने बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, क्योंकि इनसे उनकी आमदनी और घट रही है।
क्या है प्रमुख मांगें?
- न्यूनतम किराए को फिर से बढ़ाया जाए।
- नियम तोड़ने वाली कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
- कंपनियों के कमीशन पर सीमा तय की जाए।
महाराष्ट्र गिग कामगार मंच के अध्यक्ष केशव नाना क्षीरसागर ने कहा, “सरकार और कंपनियां बार-बार आश्वासन देकर पीछे हटती रही हैं। अब हालात इतने बिगड़ गए हैं कि हमें सड़क पर उतरना पड़ा है।” ज्ञात हो कि आजाद मैदान में पूरे दिन धरना चला, लेकिन परिवहन मंत्री प्रताप सरनाइक प्रदर्शनकारियों से मिलने के बजाय बिना संवाद किए ही रवाना हो गए। पुलिस ने शाम 6 बजे तक मैदान खाली करने का आदेश दिया। इसके बाद कैब चालकों ने घोषणा की कि वे सरनाइक के सरकारी निवास ‘सुरुचि बंगले’ के बाहर भी भीख मांगकर विरोध दर्ज कराएंगे। परिवहन मंत्री ने यात्रियों से अपील की कि वे अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए टोल-फ्री नंबर 1800220110 पर संपर्क करें। लेकिन चालकों से सीधे संवाद करने या उनकी मांगों पर कोई ठोस पहल करने से उन्होंने परहेज किया।
