
नई दिल्ली। कोटा में दशहरा महोत्सव के दौरान 221 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। वहीं दिल्ली में तेज बारिश के कारण कई स्थानों पर रावण के पुतले भीग गए और दहन कार्यक्रम प्रभावित हुआ। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रावण दहन कार्यक्रम में शामिल होनेवाले थे।
राजस्थान के कोटा में इस बार दशहरे का जश्न ऐतिहासिक बन गया। यहां 221 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन हुआ, जो अब तक का विश्व का सबसे ऊंचा पुतला माना जा रहा है। करीब चार महीने की मेहनत से कारीगरों ने इस विशाल रावण को तैयार किया था। 13 हजार किलो वजनी इस पुतले पर लगभग 44 लाख रुपये खर्च हुए। इसका 25 फीट ऊंचा चेहरा फाइबर ग्लास से बनाया गया था, जबकि 60 फीट लंबे मुकुट को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। साथ ही 60-60 फीट ऊंचे मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले भी तैयार किए गए।
पुतलों में पर्यावरण हितैषी ग्रीन पटाखे लगाए गए। अकेले रावण में 15 हजार, जबकि मेघनाथ और कुंभकरण में 4-4 हजार पटाखों का प्रयोग किया गया। आतिशबाजी के लिए 25 रिमोट कंट्रोल पार्ट्स जोड़े गए थे।

वहीं, दिल्ली-एनसीआर में अचानक हुई बारिश के चलते कई स्थानों पर रावण दहन कार्यक्रम प्रभावित हुए। इस कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आईपी एक्सटेंशन रामलीला समिति द्वारा आयोजित दशहरा उत्सव में शामिल नहीं हो पाए। वहीं, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी भी समारोह में उपस्थित नहीं हो सकीं।
इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्सव में भाग लेकर रावण दहन का भव्य नजारा देखा और कार्यक्रम को अपनी उपस्थिति से गरिमा प्रदान की।
