शहरों की चकाचौंध से दूर अगर आप भारत की असली आत्मा को महसूस करना चाहते हैं तो मध्य प्रदेश के गांव आपकी अगली मंजिल हो सकते हैं। यहां इतिहास सांस लेता है, संस्कृति हर मोड़ पर आपका स्वागत करती है और परंपराएं आज भी जीवित हैं। आइए जानते हैं कुछ खास जगहें, जो इस राज्य को अद्वितीय बनाती हैं-
मांडू – प्रेम और इतिहास की नगरी

सिटी ऑफ जॉय’ और ‘सिटी ऑफ लव’ के नाम से मशहूर मांडू, बाज बहादुर और रूपमती की प्रेमगाथा से जुड़ा है। यहां के महल, बावड़ियां और मस्जिदें आपको समय के पन्नों में ले जाती हैं। मानसून में इसकी खूबसूरती और भी निखर जाती है।
ओरछा – मंदिरों और महलों की बस्ती

बेतवा नदी के किनारे बसा ओरछा, कभी बुंदेला राजाओं की राजधानी था। यहां का राम राजा मंदिर अनोखा है, क्योंकि इसमें भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है।
भेड़ाघाट – संगमरमर और नर्मदा का संगम

जबलपुर के पास स्थित भेड़ाघाट अपनी संगमरमर की चट्टानों और धुआंधार जलप्रपात के लिए प्रसिद्ध है। यहां नर्मदा नदी का बहाव अद्भुत शांति का अनुभव कराता है।
चंदेरी – साड़ियों और किलों का शहर

विश्वप्रसिद्ध चंदेरी साड़ियों की जन्मस्थली यह गांव अपने प्राचीन किलों और शिल्पकला के लिए भी मशहूर है। यहां की गलियां इतिहास और कला की जीवंत तस्वीर पेश करती हैं।
अमरकंटक – नर्मदा का उद्गम स्थल

धार्मिक और प्राकृतिक महत्व से जुड़ा अमरकंटक नर्मदा नदी का उद्गम स्थल है। प्राचीन मंदिर और आश्रम यहां एक अनोखा आध्यात्मिक अनुभव कराते हैं।
भोजपुर – अधूरा मगर भव्य

राजा भोज द्वारा बसाया गया भोजपुर अपने विशाल शिवलिंग के लिए जाना जाता है, जो भारत के सबसे बड़े शिवलिंगों में से एक है। यह हर शिवभक्त के लिए आस्था का केंद्र है।
ओंकारेश्वर – आस्था का द्वीप

नर्मदा नदी के बीच बसे ओंकारेश्वर में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक स्थित है। यहां के घाट और ओंकार पर्वत श्रद्धा और इतिहास दोनों को जोड़ते हैं।
सचमुच, मध्य प्रदेश के ये गांव बताते हैं कि भारत सिर्फ शहरों में नहीं बल्कि अपनी जड़ों और धरोहरों में भी धड़कता है।
