
रॉटरडैम (नीदरलैंड)।
रॉटरडैम में एक खास संग्रहालय ‘फीनिक्स’ खुला है, जो दुनिया भर के लोगों की माइग्रेशन (प्रवास-एक जगह से दूसरी जगह जाने) की कहानियों पर आधारित है। यह संग्रहालय उसी बंदरगाह के पास बना है, जहां से कभी अल्बर्ट आइंस्टीन ने अमेरिका जाने के लिए यूरोप छोड़ा था।
यह इमारत पहले दुनिया का सबसे बड़ा गोदाम हुआ करता था और हॉलैंड अमेरिका लाइन के ज़रिए लाखों लोगों की यात्रा का हिस्सा रही थी। अब इसी जगह को नए रूप में तैयार किया गया है ताकि लोग प्रवास की अहमियत को समझ सकें।
हर सूटकेस में छुपी है एक कहानी
संग्रहालय की सबसे खास प्रदर्शनी है ‘सूटकेस भूलभुलैया’, जिसमें 2,000 असली सूटकेस रखे गए हैं। हर सूटकेस एक व्यक्ति की असली जीवन-यात्रा और संघर्ष की कहानी बताता है।
‘फीनिक्स’ में ‘ऑल डाइरेक्शंस’ नाम की एक और प्रदर्शनी भी है, जिसमें पिछले पांच सालों में जमा की गई 150 से ज़्यादा कलाकृतियां हैं। ये कला वस्तुएं अलग-अलग देशों और समय की हैं, जो प्रवास और बदलते जीवन को दर्शाती हैं।
सिर्फ संग्रहालय नहीं, एक मिलने-जुलने की जगह भी
यह जगह सिर्फ देखने के लिए नहीं है, बल्कि यहां एक बड़ा हॉल भी है, जिसे ‘प्लेन’ कहा गया है। यहां साल भर रॉटरडैम की अलग-अलग जातियों और समुदायों के लोग मिलकर सांस्कृतिक कार्यक्रम करेंगे।
फीनिक्स संग्रहालय को ‘ड्रूम एन डाड’ फाउंडेशन ने बनाया है, जिसकी शुरुआत 2016 में हुई थी। यह फाउंडेशन राइक्सम्यूजियम के पूर्व निदेशक विम पायबस चला रहे हैं। जब यूरोप में प्रवासन पर बहस तेज हो रही है, ऐसे समय में यह संग्रहालय लोगों को समझ और आपसी जुड़ाव का संदेश देता है।