● दवा की पट्टी पर लाल रेखा का कारण

मुंबई। आपने कई बार देखा होगा कि कुछ दवाओं की पट्टियों के पीछे लाल रंग की एक लाइन बनी होती है। पर क्या कभी आपने सोचा है कि इस लाल पट्टी का मतलब क्या होता है? यह हर दवा पर नहीं होती तो क्या यह सिर्फ डिजाइन है या इसके पीछे कोई खास वजह छिपी है?
दरअसल, इस लाल रेखा का सीधा अर्थ यह है कि वह दवा केवल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही बेची या इस्तेमाल की जा सकती है। यह फार्मासिस्ट और आम उपभोक्ता – दोनों के लिए चेतावनी का संकेत है। फार्मासिस्ट को बताया जाता है कि बिना डॉक्टर की सलाह के ऐसी दवा किसी ग्राहक को न दें और मरीज को यह संदेश मिलता है कि बिना परामर्श खुद से ऐसी दवा न लें और न ही किसी और को दें, चाहे लक्षण समान क्यों न दिखें।
यह लाल पट्टी ज्यादातर एंटीबायोटिक दवाओं पर होती है। इसका मकसद एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस यानी बैक्टीरिया के दवाओं के प्रति प्रतिरोधी बनने के खतरे को रोकना है। अक्सर लोग मामूली बुखार या सर्दी-जुकाम में डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक दवा ले लेते हैं या डॉक्टर द्वारा बताए गए कोर्स को अधूरा छोड़ देते हैं।
ऐसे में बैक्टीरिया पूरी तरह नष्ट नहीं होते बल्कि कुछ जीवित रहकर दवाओं के प्रति प्रतिरोधक बन जाते हैं। समय के साथ यही बैक्टीरिया ‘सुपरबग्स’ का रूप ले लेते हैं, जिन पर सामान्य एंटीबायोटिक असर नहीं करतीं। नतीजतन, साधारण संक्रमण भी गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है और मरीज की जान को खतरा हो सकता है।
इसलिए दवाओं की पट्टी पर बनी लाल रेखा सिर्फ एक डिजाइन नहीं, बल्कि चेतावनी का संकेत है, जो बताती है कि दवाओं का इस्तेमाल हमेशा चिकित्सकीय सलाह पर ही करें। थोड़ी सी लापरवाही आपकी सेहत के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
