● प्रतापगढ़ में 19 अक्तूबर तक होगी रामकथा

◆ प्रतापगढ़-कुंडा । पूज्यश्री प्रेमभूषण महाराज के कृपापात्र शिष्य राजन महाराज के व्यासत्व में परानूपुर, कुंडा श्रृंगवेरपुर, प्रतापगढ़ में 11 अक्तूबर से 19 अक्तूबर तक प्रति दिन अपराह्न 3 से सायं 7 बजे तक आनंद पांडे के संकल्प से विधायक कुँवर रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के संरक्षण में रामकथा का दिव्य आयोजन किया गया है।
कथा के पूर्व आयोजित भव्य कलश यात्रा में उमड़े अपार जनसमूह पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा और श्रद्धालुओं के सुखद भाव अद्भुत,अवर्णनीय थे। राजन महाराज ने प्रथम दिवस की कथा प्रारंभ करते हुए कहा कि श्रृंगवेरपुर भक्तराज केवट, निषादराज और महर्षि श्रृंगी की वह पावन भूमि है जिस पर भगवान राम को भी आकर प्रेमवश भक्तराज केवट से हाथ फैलाकर सहयोग माँगना पड़ा। इस धरा पर पतित पावनी गंगा तो पहले से ही प्रवाहमान हैं, आज हम सब यहाँ प्रवाहित होने जा रही रामकथा की गंगा में अवगाहन का पुण्य प्राप्त करने जा रहे हैं।

राजन महाराज ने कहा कि इस धरा पर रामकथा गायन की वर्षों से प्रतीक्षित मेरी इच्छा रघुनाथ जी की कृपा से पूर्ण होने जा रही है जिसके निमित्त आनंद पांडे बने। यह भगवान की कृपा है उन्हें मेरा आशीर्वाद और साधुवाद है। राजन महाराज ने व्यासपीठ से श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि रामचरितमानस को पुस्तक समझने का अपराध कदापि न करें यह साक्षात प्रभु राम का वाङ्गमय स्वरूप है। इसका भी प्राकट्य बाबा तुलसीदास द्वारा 451 वर्ष पूर्व 1631 में रामनवमी के दिन मंगलवार को ही हुआ है। विषयों से बचने के लिए रामकथा सुनना अति आवश्यक है। मानस के चारों घाटों की चर्चा करते हुए राजन महाराज ने कहा जीवन में सबसे सरल भक्ति शरणागति भक्ति है। द्रौपदी मर्यादा रक्षण की कथा का दृष्टांत देते हुए पूज्य राजन महाराज ने कहा कि मनुष्य केवल भगवान की शरण में जाकर समर्पण कर दे तो भगवान उसका हर प्रकार से सम्हार करते हैं। भगवान के घर देर है यह कहावत गलत है। भगवान के घर में देर कभी नहीं होती, देरी हम मनुष्य स्वयं कर देते हैं।
इस प्रकार रामकथा के प्रथम सत्र में उमड़े जन सैलाब के बीच अपर जिला सत्र न्यायाधीश लालगंज रघुवीर सिंह राठौर उनकी पत्नी मंजू सिंह राठौर, बाबागंज से विधायक विनोद सरोज, डॉ कैलाश नाथ ओझा आदि गणमान्य जनों ने भी रामकथा गंगा में अवगाहन करके अपना पुण्यवर्धन किया।
