◆ मुंबई एवं महाराष्ट्र से हजारों स्वयंसेवक कर रहे हैं निष्काम सेवा

● नई दिल्ली। संत निरंकारी मिशन का 78वां वार्षिक संत समागम इस वर्ष भी 31 अक्तूबर से 3 नवम्बर तक समालखा (हरियाणा) स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर अत्यंत भव्यता, श्रद्धा और आध्यात्मिक उल्लास के साथ आयोजित होने जा रहा है। यह आयोजन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी के पावन सान्निध्य में संपन्न होगा। इस शुभ सूचना ने समस्त श्रद्धालु भक्तों में हर्ष और नवचेतना का संचार किया है।

‘आत्ममंथन’ विषय पर आधारित यह समागम आत्मिक यात्रा का एक अनुपम अवसर होगा, जहाँ श्रद्धालु ब्रह्मज्ञान की ज्योति में सेवा, सिमरन और सत्संग के माध्यम से आनंद और प्रेम का अनुभव करेंगे।
तैयारियाँ पूरे समर्पण और निःस्वार्थ भाव से चल रही हैं। वृद्ध, युवा, महिला या पुरुष सभी श्रद्धालु तन-मन से सेवा में जुटे हैं। कोई मिट्टी ढो रहा है, कोई शामियाने गाढ़ रहा है तो कोई सफाई, जल व्यवस्था या भोजन सेवा में तत्पर है। समागम का मुख्य द्वार भी आकार ले रहा है, जो प्रेम, समरसता और आत्मिक एकत्व का प्रतीक बनेगा। जैसा कहा गया है, “जहाँ सेवा में समर्पण जुड़ जाता है, वहीं हर क्षण उत्सव बन जाता है।”

देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इस महोत्सव में पहुँचते हैं। उनके स्वागत व सुविधा हेतु समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं। रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और हवाई अड्डों पर निरंकारी सेवादल के अनुशासित सेवादार अपनी नीली और खाकी वर्दियों में आगंतुकों का स्वागत कर उन्हें निवास स्थलों तक पहुँचाएंगे।

यह समागम मात्र एक आयोजन नहीं, बल्कि मानवता, प्रेम और समरसता का अद्वितीय पर्व है, जहाँ विविध भाषाओं और संस्कृतियों के श्रद्धालु ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना से एकत्र होकर सतगुरु की अमृतवाणी से अपनी आत्मा को आलोकित करते हैं। इस पावन अवसर पर हर उस साधक का स्वागत है जो प्रेम, शांति और मानवता के इस दिव्य महायज्ञ में सहभागी बनना चाहता है।
