■ अरविंद चित्रांश का सम्मान

● आजमगढ़ । कोदंड, सिद्ध मंत्रों से अभिमंत्रित धनुष, रामराज्य की स्थापना, धर्म, न्याय, सेवा, शक्ति एवं आत्मविश्वास का प्रतीक है। यह उद्गार लक्ष्य इंटरनेशनल के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिल्ली के एल के आनंद ने एक विशेष कार्यक्रम में व्यक्त किए, जिसमें उन्होंने अरविंद चित्रांश को सम्मानित किया।
इस अवसर पर आजमगढ़ निवासी, गौरवशाली पूर्वांचल के प्रधान संपादक एवं प्रभारी, अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम, भारत के अंतरराष्ट्रीय ऑर्गेनाइजर और प्रमुख समाजसेवी अरविंद श्रीवास्तव “चित्रांश” को शक्ति, सेवा और आत्मविश्वास का प्रतीक राम की शक्ति कोदंड धनुष की अनुकृति भेंट कर सम्मानित किया गया।
एल के आनंद ने कहा कि कोदंड धनुष धर्म की रक्षा करने की क्षमता और सत्य के प्रतीक के रूप में कार्य करता था। यह केवल एक हथियार नहीं था, बल्कि श्रीराम के शासन और न्याय के सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व करता था।

पूर्वांचल के प्रमुख समाजसेवी और लोककला संरक्षक अरविंद चित्रांश ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोदंड महोत्सव और हर घर में शक्ति, सेवा और आत्मविश्वास का प्रतीक कोदंड का एक प्रतीकात्मक चित्र होना चाहिए, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होगी।
उन्होंने आगे कहा कि बहुत कम लोगों को यह पता है कि भगवान राम के धनुष का नाम कोदंड था, इसीलिए प्रभु श्रीराम को “कोदंड” कहा जाता था। कोदंड एक चमत्कारिक धनुष था जिसे हर कोई धारण नहीं कर सकता था। भिलाई में भी कोदंड नाम से एक राम मंदिर है, जिसे ‘कोदंड रामालयम मंदिर’ कहा जाता है।
श्रीरामचरितमानस में उल्लेख है:
“देखि राम रिपु दल चलि आवा। बिहसी कठिन कोदण्ड चढ़ावा।” अर्थात, शत्रुओं की सेना के निकट आने पर श्रीरामचंद्रजी ने हंसकर कठिन धनुष कोदंड को चढ़ाया।
