● मिर्जामुराद में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा

वाराणसी। गौर गांव-मिर्जामुराद स्थित वंशनारायण सिंह महिला महाविद्यालय में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन सोमवार को कथावाचक पंडित परम् पूज्य आनंद मिश्रा ने कहां की कोई मरणधर्मा पुरुष अपना कल्याण चाहता है तो भगवान की कथा श्रवण करने का जीवन में अभ्यास करें और सत्संग की औषधी हो और कुसंग का परहेज हो तभी कल्याण हो सकता है कोई प्राणी सत्संग कितना भी करें परंतु को कुसंग का परहेज नहीं करेगा तो उसका कल्याण नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि बच्चों को दिया गया धर्म का ज्ञान जीवन भर याद रहता है। बच्चों को धर्म अध्यात्म का ज्ञान जरूरी दें। माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। कथा सुनने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही।
इस अवसर पर सुरेश सिंह गौतम, प्रेम नाथ तिवारी, डॉ. शिवराज मिश्रा, सुरेन्द्र तिवारी, संजीव सिंह गौतम, जितेंद्र सिंह डब्लू, योगेश सिंह, अभिषेक त्रिपाठी ‘सुमित’, डॉ. विजय सिंह, मुकेश यादव, राजेश सिंह, वीरेंद्र विश्वकर्मा, रामजी यादव समेत कई लोग मौजूद रहे। वहीं कथावाचक के साथ संगीताचार्य में मयंक पांडेय, अंकित मिश्रा, अभिनव पांडेय, यश त्रिपाठी, विपिन पांडेय उपस्थित रहे।
