■ कानपुर में नौ दिवसीय रामकथा

● कानपुर।
“आओ गायें रामकथा घर-घर में” इस आध्यात्मिक आंदोलन के प्रणेता पूज्य श्री प्रेमभूषण महाराज के व्यासत्व में राकेश मिश्र द्वारा आजाद नगर स्थित पं. दीनदयाल सनातन धर्म विद्यालय प्रांगण में 8 नवम्बर से आयोजित नौ दिवसीय रामकथा के दौरान प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि स्वयं को आधुनिक और विकसित मानने वाले यह जान लें कि पति-पत्नी एक ही इकाई हैं, दोनों में कोई भिन्नता नहीं है। इसलिए यह कहने से बचिए कि हमारा नहीं जमता बल्कि संबंधों का आदर करते हुए उन्हें बचाने का प्रयास कीजिए।
प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि रामकथा सभी का मंगल करती है। यह विपरीत प्रकृति के लोगों को भी मोहित कर देती है। उन्होंने कामधेनु को एक तपस्या बताते हुए कहा कि इस तपस्या को पूर्ण कर लेने से मनुष्य की सभी कामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसलिए शिव सिद्धांत के अनुसार कथा के यजमान और श्रोताओं की प्रशंसा अवश्य होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भगवान राम विपरीत परिस्थितियों में भी विचलित नहीं हुए, इसलिए वे ‘राम’ कहलाए। आहरण वृत्ति से अर्जित संपदा सुख नहीं देती। कलियुग ही नहीं, हर युग में आहरण वृत्ति वाले अहंकारी रहते हैं, और जब इनके कारण धर्म की हानि होती है, तब भगवान केवल भारत भूमि में ही अवतरित होते हैं। विश्व के अन्य देशों में भगवान अपने दूत भेजते हैं।

प्रेमभूषण महाराज ने कहा, “भारत भगवान, भक्त और भजन की भूमि है। पवित्र पाथेय भारत की नदियों में ही है। इस भूमि में जन्म लेना हमारा परम सौभाग्य है। मनुष्य अपना अपमान स्वयं करता है और दोष दूसरों को देता है।”
उन्होंने यह विचार रामकथा महिमा, भगवान के अवतरण के कारण तथा श्रीराम के प्राकट्य प्रसंगों का गायन करते हुए व्यक्त किए। कथा के दौरान प्रेमभूषण महाराज ने “बसा हुआ भगवान सबके मन मंदिर में…”, “ठहरी नहीं यह उम्र भी ढलती चली गई…”, “सब देव चले, महादेव चले…” जैसे लोकप्रिय भजनों से कथा स्थल पर उमड़े जनसैलाब को भावविभोर कर दिया।
श्रोताओं के साथ कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे और नवाबगंज के पार्षद राजकिशोर यादव ने भी रामकथा श्रवण का लाभ लिया।
