
लौंग सदियों से परम्परागत औषधि में खासकर दन्त-स्वास्थ्य के लिए उपयोग होती रही है। इसमें मौजूद प्रमुख तत्व यूजेनोल दर्दनिवारक, जीवाणुरोधी और सूजन कम करने वाले गुणों से भरपूर है। यह दाँत दर्द, मसूड़े सूजना, संक्रमण और दुर्गन्ध में प्राकृतिक राहत देता है। आधुनिक शोध भी बताता है कि लौंग का अर्क हानिकारक दन्त जीवाणुओ को कम कर अस्थायी आराम प्रदान करता है। हालाँकि अधिक सघन लौंग तेल गलत तरीके से प्रयोग करने पर मुंह की कोमल कोशिकाओं को नुकसान पहुँचा सकता है।
■ कैसे और क्या करें उपाय
- यूजेनोल मसूडे की बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को कमजोर करता है। शोधों में पाया गया कि यह Porphyromonas gingivalis जैसे संक्रमणकारी जीवाणुओ की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त करता है।
- लौंग दाँत पर बैक्टीरिया की चिपकन और अम्ल निर्माण प्रक्रिया को कम कर कैविटी बनने की सम्भावना घटाता है।
- लौंग की प्राकृतिक सुन्न करने वाली क्षमता दाँत दर्द में तुरन्त आराम देती है। शोधों में लौंग आधारित जेल को बच्चों की दन्त-चिकित्सा में कारगर पाया गया है।
■ सावधानियां भी बरतें
- बिना घोला हुआ लौंग तेल जलन, छाले और ऊतक क्षति कर सकता है।
- अधिक मात्रा में निगलने पर विषाक्त प्रभाव सम्भव है, यहाँ तक कि जिगर को भी क्षति हो सकती है।
- WHO के अनुसार शरीर के प्रति किलो वजन पर प्रतिदिन 2.5 मिलीग्राम यूजेनोल से अधिक न लें।
- एलर्जी वाले लोगो में मुंह में जलन हो सकती है।
