
● नई दिल्ली
भारत में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया अब पहले से कहीं सरल और सुरक्षित होने जा रही है। केंद्र सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस न्यू रूल्स 2025 लागू कर दिए हैं, जिनका सीधा असर देशभर के वाहन चालकों पर पड़ेगा। इन नए नियमों का उद्देश्य लाइसेंस प्राप्त करने और नवीनीकरण कराने की प्रक्रिया को सुगम बनाना है, साथ-साथ सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना भी है।
नियमों में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब मान्यता प्राप्त निजी ड्राइविंग स्कूलों को भी आधिकारिक ड्राइविंग टेस्ट लेने की अनुमति मिलेगी। पहले टेस्ट केवल आरटीओ में ही होते थे, जिससे लंबी कतारें और भीड़ की परेशानी रहती थी। अब आधुनिक सुविधाओं और कम से कम एक एकड़ भूमि वाले निजी प्रशिक्षण केंद्र सीधे टेस्ट ले सकेंगे और परिणाम आरटीओ को भेज सकेंगे। इससे दलालों का दखल कम होगा और आवेदकों को तेज व पारदर्शी प्रक्रिया का लाभ मिलेगा।
नए नियम डिजिटल सुविधाओं पर भी जोर देते हैं। अब मेडिकल सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड किए जा सकेंगे। स्वचालित टेस्टिंग सेंटर और ई-प्रणालियों की मदद से लाइसेंस बनवाना पहले से अधिक सुविधाजनक होगा।
कठोर दंड भी लागू
सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने कड़े प्रावधान किए हैं। अगर कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके माता-पिता या अभिभावक पर ₹25,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही वाहन का पंजीकरण रद्द हो सकता है और नाबालिग को कानूनी आयु तक लाइसेंस आवेदन से रोका जा सकता है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना दुर्घटनाओं का बड़ा कारण रहा है।
इन सभी सुधारों का लक्ष्य है बिना दलालों के, बिना अनावश्यक दौड़-भाग के, एक पारदर्शी, सरल और सुरक्षित व्यवस्था तैयार करना, ताकि 2025 में हर नागरिक जिम्मेदार और नियमों का पालन करने वाला चालक बन सके।
