
स्टॉकहोम @स्वीडन।
सड़कों पर फेंके जाने वाले सिगरेट बट से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को कम करने के लिए स्वीडन में शुरू किया गया एक अनोखा प्रयोग एक बार फिर चर्चा में है। Corvid Cleaning नामक स्वीडिश स्टार्ट-अप ने कुछ वर्ष पहले जंगली कौवों को प्रशिक्षित करके उनसे सड़कों पर बिखरे सिगरेट बट उठवाने की पहल की थी। इन कौवों को एक विशेष मशीन में सिगरेट बट डालने पर खाने का इनाम मिलता था। प्रयोग में ‘न्यू कैलीडोनियन क्रो’ को चुना गया था, जो अपनी उच्च बुद्धिमत्ता और समस्या-समाधान क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
शुरुआती रिपोर्टों में दावा किया गया था कि यह तकनीक नगरपालिका के सफाई खर्च में उल्लेखनीय कमी ला सकती है। स्वीडन में हर वर्ष एक अरब से अधिक सिगरेट बट फेंके जाते हैं और इस पायलट ने नगर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था। कुछ स्थानीय अधिकारियों ने इसे व्यवहारिक और पर्यावरण-हितैषी समाधान की दिशा में कदम कहा था।

हालांकि वर्षों बाद सामने आई नई जानकारियां बताती हैं कि यह नवाचार स्थायी रूप से आगे नहीं बढ़ पाया। अक्टूबर 2025 में Corvid Cleaning कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया। आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, कंपनी का राजस्व अत्यंत सीमित रहा और परियोजना के लिए आवश्यक बड़े पैमाने पर ढांचा विकसित नहीं हो सका। साथ ही कुछ पक्षी विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों ने यह आशंका भी जताई कि सिगरेट बट में मौजूद रसायन कौवों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। यही वजह रही कि पायलट के बाद यह पहल व्यापक रूप से लागू नहीं की गई।
फिर भी इस प्रयोग ने दो महत्वपूर्ण तथ्य उजागर किए। पहला, कौवों की असाधारण बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल पर्यावरण संरक्षण में रचनात्मक ढंग से किया जा सकता है; और दूसरा, कचरा-प्रबंधन के ऐसे मॉडल तभी टिकाऊ हो सकते हैं जब समस्या की जड़ यानी मानव जनित कचरा-फेंकने की आदत को बदला जाए।
स्रोत: द गार्जियन, याहू न्यूज़, द कूलडाउन, इंडिया टुडे, उबर्गिज़्मो.
