■ दशकों पुरानी विज्ञान समझ में बड़ा बदलाव

● नई दिल्ली
वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क में एक ऐसे लसीका नेटवर्क की पहचान की है, जिसे पहले कभी दर्ज नहीं किया गया था। यह खोज मस्तिष्क की संरचना और उसकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली से जुडाव से जुड़े पुराने अनुमान पूरी तरह बदल देती है। अब तक माना जाता था कि मस्तिष्क का अपना स्वतंत्र तंत्र है और शरीर की इम्यून प्रणाली से इसका सीधा संबंध नहीं होता, परन्तु नयी जानकारी इस धारणा को चुनौती देती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार यह नयी खोजी गई लसीका नलिकाएं मस्तिष्क की बाहरी परतों के साथ चलती हैं और प्रमुख रक्त वाहिकाओं के समानांतर प्रवाहित होती हैं। इनका सीधा संबंध शरीर के लसीका तंत्र और इम्यून प्रणाली से है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिमागी द्रव और अपशिष्ट पदार्थों के निकास में इन नलिकाओ की अहम भूमिका हो सकती है।

इस खोज की वैज्ञानिक दुनिया में विशेष चर्चा है क्योंकि यह समझने में मदद मिल सकती है कि मस्तिष्क में सूजन, डिमेन्शिया या अन्य न्यूरोलॉजिकल विकार कैसे विकसित होते हैं। शोध दल का दावा है कि यह नयी पड़ताल आने वाले समय में दिमागी बीमारियों पर होने वाले अनुसंधान की दिशा बदल सकती है और उपचार के नये मार्ग खोल सकती है।
विशेषज्ञ इसे मस्तिष्क विज्ञान की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मान रहे हैं क्योंकि अब मस्तिष्क और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को एक दूसरे से अलग मानने की पुरानी धारणा तेजी से बदल रही है।
