
● नई दिल्ली
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों अपने सबसे गंभीर परिचालन संकट से गुजर रही है। पायलटों से जुड़े संशोधित एफडीटीएल (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट) नियमों के प्रभाव ने स्थिति को इतना बिगाड़ दिया कि बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, कई घंटों की देरी से यात्रियों का धैर्य टूट गया और प्रमुख हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। घरेलू हवाई किरायों में भी अचानक उछाल देखा गया, जिससे परेशानी और बढ़ गई।
पायलट उपलब्धता के संकट ने खासकर मेट्रो मार्गों को बुरी तरह प्रभावित किया है। यात्रियों की भारी भीड़ और कम होती उड़ानों के कारण एयरलाइनों के लिए समय-सारिणी का पालन करना बेहद मुश्किल हो रहा है।
■ सरकार ने खोला कंट्रोल रूम
संकट को काबू में लाने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय तुरंत सक्रिय हो गया है।
- 24×7 कंट्रोल रूम की स्थापना
- परिचालन संबंधी निर्देश जारी
- अस्थायी नियामक छूट
- एक उच्च स्तरीय जांच की घोषणा
इन कदमों का उद्देश्य संकट के मूल कारणों की जांच और सुधारात्मक उपाय सुनिश्चित करना है। अधिकारियों का कहना है कि उड़ान कार्यक्रम जल्द ही स्थिर होने लगेंगे, हालांकि यात्रियों को हो चुकी असुविधा का असर पूरे देश में महसूस किया जा रहा है।
■ तीन दिन में राहत के आसार
नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने स्पष्ट किया कि नए एफडीटीएल मानदंडों को अस्थायी रूप से रोकने और परिचालन लचीलेपन बढ़ाने से स्थिति सामान्य करने में मदद मिलेगी।
मंत्री ने कहा, ‘यह निर्णय हवाई सुरक्षा से समझौता किए बिना, यात्रियों विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों और मरीजों के हित में लिया गया है। सामान्य सेवाएं पुनर्स्थापित करने के लिए आवश्यक सभी परिचालनात्मक कदम लागू किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि उड़ान सेवाएं कल तक स्थिर हो जाएंगी और अगले तीन दिनों में पूरी तरह सामान्य होने की संभावना है।
सरकारी हस्तक्षेप के बाद अब तमाम निगाहें इंडिगो के संचालन पर टिकी हैं, ताकि देश की हवाई व्यवस्था दोबारा पटरी पर लौट सके।
