
● विदिशा@मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के विदिशा स्थित गंज बासौदा के श्रीधाम बासौदा दरबार में ‘आओ गायें रामकथा घर-घर में’ इस आध्यात्मिक आंदोलन के प्रणेता पूज्यश्री प्रेमभूषण महाराज के व्यासत्व में आयोजित रामकथा महोत्सव में उमड़े विशाल जनसागर को संबोधित करते हुए प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि जहाँ व्यक्ति का विश्वास हो, वहाँ से हटना नहीं चाहिए।
अपनी रामकथा को विस्तार देते हुए प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि भगवान का वनवास जीवन को यह शिक्षा प्रदान करता है कि राज सिंहासन पर आसीन होने से पहले राजा को देश की भौगोलिक, आर्थिक और सामरिक स्थितियों का अध्ययन करके राष्ट्रहित में उत्तम उपाय करना आवश्यक होता है।
रघुवंश को ‘गुरुनिष्ठ वंश’ की संज्ञा देते हुए मानस के व्यवहार घाट के लोकप्रिय वक्ता प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि जीवन में कथा-अमृत वही संचित होता है, जिसके लिए हमारी पात्रता होती है। कलयुग में जीव का मन भगवान में आसानी से नहीं रमता और जिनका रमता है, उनके जन्म-जन्मांतर के पुण्य संग्रहित होते हैं। भगवान अपना कार्य हमेशा अपने भगवतो और प्रिय जनों से ही करवाते हैं। मनुष्य को दूर की सिद्धि तो दिखती है, परंतु निकट की सिद्धि अक्सर दिखाई नहीं देती।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि योगी जी अपनी साम्प्रदायिक साधना में निरंतर लगे रहते हैं और उनकी यही अद्भुत जीवनशैली ही जोग है। गुरु गोरखनाथ और उनके शिष्य राजा भर्तृहरि का स्मरण करते हुए प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि गुरु शिष्य को जगाने के लिए किसी भी अवस्था में कहीं भी उपस्थित हो जाता है।
इस बीच, प्रेमभूषण महाराज ने प्रसिद्ध जोगी गीत ‘घुमत घमत जोगिया आवेला दुवारिया हो’ और ‘बसा हुआ भगवान सबके मनमंदिर में’ जैसे कई लोकप्रिय भजन सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
