
● मुंबई।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में घोषणा की कि मुंबई को लंबे समय से जकड़े हुए पगड़ी सिस्टम से मुक्त करने और इससे जुड़ी इमारतों के सुचारू पुनर्विकास के लिए एक अलग रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। उद्देश्य है किरायेदार और मकान मालिक दोनों के अधिकारों की संतुलित सुरक्षा।
पगड़ी सिस्टम क्या है?
यह मुंबई की पुरानी किरायेदारी व्यवस्था है जिसमें किरायेदार मकान मालिक को एकमुश्त पगड़ी राशि देकर घर पर लगभग आजीवन अधिकार पाता है। किराया दशकों से अत्यंत कम और नियंत्रित है, इसलिए मकान मालिकों को रखरखाव और मरम्मत का व्यावहारिक प्रोत्साहन नहीं मिलता। कई बार किरायेदार संपत्ति को आगे बेचकर पगड़ी का हिस्सा भी प्राप्त करता है, जिससे उलझनें और बढ़ जाती हैं।
सुधार की जरूरत क्यों?
पुरानी पगड़ी इमारतें अब जर्जर हो चुकी हैं और पुनर्विकास में अक्सर किरायेदार-मकान मालिक विवाद, अविश्वास और कानूनी अस्पष्टता के कारण गतिरोध पैदा होता है। नकद लेनदेन व पारदर्शिता की कमी भी लंबे समय से चिंता का विषय रही है।
- नया ढांचा क्या बदलेगा?
- नया फ्रेमवर्क
- किरायेदारों को पुनर्विकसित इमारत में स्पष्ट अधिकार और सुरक्षित हिस्सेदारी देगा।
- मकान मालिकों के लिए उचित मुआवजा व बेहतर वित्तीय प्रोत्साहन सुनिश्चित करेगा।
- रिडेवलपमेंट को समयबद्ध, पारदर्शी और विवाद-मुक्त बनाएगा।
- मुंबई में बड़े पैमाने पर आवास पुनर्निर्माण को गति देकर शहर के हाउसिंग संकट को कम करेगा।
