
● नागपुर
महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र समाप्त होते ही सियासी पारा चढ़ गया है। सत्र के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला और कई गंभीर मुद्दों को लेकर घेराबंदी की। सत्ता पक्ष ने भी आरोपों का सख्ती से जवाब दिया, फिर भी विपक्ष आक्रामक रुख में दिखा।
इसी क्रम में पुणे के एक कथित जमीन घोटाले का मामला केंद्र में रहा। विपक्ष ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार पर लगे आरोपों को प्रमुखता से उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने इस मुद्दे पर तीखे तंज कसते हुए सरकार को सीधे कटघरे में खड़ा किया।
विजय वडेट्टीवार ने व्यंग्यात्मक अंदाज़ में कहा, “‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ का नारा अब नहीं रहा। अब तो जो मिलेगा, वह आधा-आधा बांटकर खाया जाएगा।” उन्होंने सरकार की नीति और नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब बाड़ ही खेत खाने लगे और यह सब साफ दिखाई दे तो जवाबदेही तय होनी चाहिए।
वडेट्टीवार का आरोप है कि सत्र के दौरान पार्थ पवार से जुड़े सवाल उठाने के बावजूद सरकार की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया। मुख्यमंत्री की चुप्पी पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए और कहा कि इसे पार्थ पवार को अप्रत्यक्ष रूप से ‘क्लीन चिट’ देने जैसा माना जा सकता है। विपक्ष ने संकेत दिए हैं कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में और तेज़ी से उठाया जाएगा।
