- सिलेबस को सरल बनाया गया, कई पुराने अध्यायों को हटाया और नए, रोचक तथा उपयोगी विषयों को शामिल किया गया

● नई दिल्ली
साल 2025 अपने अंतिम पड़ाव पर है और शैक्षणिक सत्र 2026 की आहट के साथ देशभर के करोड़ों छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की नजरें NCERT के नए सिलेबस पर टिकी हैं। नई शिक्षा नीति–2020 के लागू होने के बाद भारतीय शिक्षा व्यवस्था में तेज़ी से बदलाव हो रहे हैं। अब शिक्षा का उद्देश्य केवल किताबें पढ़ाना नहीं रहा बल्कि बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान, जीवन कौशल, स्थानीय संस्कृति, इतिहास और रोजगारोन्मुख शिक्षा से जोड़ना है।
इसी सोच के तहत NCERT ने 2025 में पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। लक्ष्य साफ है रटने की बजाय समझ, तर्क और जीवनोपयोगी सीख। इसी कारण सिलेबस को सरल बनाया गया है, कई पुराने अध्यायों को हटाया गया है और नए, रोचक तथा उपयोगी विषयों को शामिल किया गया है।
इतिहास की किताबों में भी व्यापक बदलाव देखने को मिले हैं। दिल्ली सल्तनत और मुगल काल से जुड़े कई अध्याय या तो संक्षिप्त किए गए हैं या हटाए गए हैं। इसके स्थान पर प्राचीन भारत, आदिवासी और जनजातीय समुदायों के योगदान, भारतीय वैज्ञानिकों, संस्कृति और सभ्यता पर अधिक जोर दिया गया है। इतिहास को संतुलित दृष्टि से समझाने के लिए ‘इतिहास का अंधकारमय काल’ नाम से एक नया खंड भी जोड़ा गया है।
शैक्षणिक सत्र 2025–26 से कक्षा 4, 5, 7 और 8 की नई किताबें लागू की गई हैं। इन पुस्तकों की भाषा पहले से अधिक सरल, संवादात्मक और रुचिकर बनाई गई है। कई जगह पुराने कंटेंट की जगह समकालीन और आधुनिक विषय शामिल किए गए हैं, वहीं कुछ पुस्तकों के नाम भी बदले गए हैं।
स्किल आधारित शिक्षा को बढ़ावा
नई शिक्षा नीति के अनुरूप अब कक्षा 6 से स्किल आधारित यानी वोकेशनल शिक्षा की शुरुआत हो रही है। इसका उद्देश्य छात्रों को केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित न रखते हुए प्रोजेक्ट वर्क, व्यावहारिक प्रशिक्षण और हुनर विकास से जोड़ना है, ताकि पढ़ाई सीधे जीवन और रोजगार से जुड़ सके। इससे छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे भविष्य की चुनौतियों के लिए अधिक तैयार होंगे।
‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच को मजबूत करने के लिए NCERT ने पाठ्यपुस्तकों में स्वदेशी मॉड्यूल शामिल किए हैं। इसके साथ ही कक्षा 3 से 12 तक के छात्रों के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दो विशेष मॉड्यूल भी शुरू किए गए हैं। नए और पुराने सिलेबस के बीच की खाई को पाटने के लिए ब्रिज कोर्स लागू किए गए हैं, जबकि कक्षा 4, 5, 7 और 8 की किताबों को पूरी तरह अपडेट किया गया है।
कुल मिलाकर, 2025 में NCERT के ये बदलाव शिक्षा को अधिक व्यवहारिक, समावेशी और भविष्योपयोगी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माने जा रहे हैं।
