
नई दिल्ली।
अभी तक हम A, B, AB और O जैसे आम ब्लड ग्रुप्स को जानते थे लेकिन हाल ही में एक बिल्कुल नया और दुर्लभ ब्लड ग्रुप सामने आया है ‘Gwada Negative’। इसकी पहचान फ्रांसीसी कैरेबियाई क्षेत्र ग्वाडेलूप की 68 वर्षीय महिला में हुई, जो अब तक इस ग्रुप की एकमात्र ज्ञात व्यक्ति हैं।
इस खोज को फ्रांस की राष्ट्रीय रक्त सेवा (EFS) ने सार्वजनिक किया और इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन (ISBT) ने इसे दुनिया के 48वें आधिकारिक ब्लड ग्रुप सिस्टम के रूप में मान्यता दी। इससे पहले 2022 में “Er” नामक ब्लड सिस्टम को मान्यता मिली थी।
कैसे पता चला?
2011 में एक सर्जरी से पहले जांच के दौरान इस महिला के खून में कोई भी सामान्य ब्लड ग्रुप फिट नहीं बैठा। उनके खून में एक अनोखी एंटीबॉडी मिली। 2019 में उन्नत डीएनए विश्लेषण से पता चला कि उनके PIGZ जीन में एक दुर्लभ म्यूटेशन है, जो उन्हें यह अनोखा ब्लड ग्रुप देता है।
बता दें कि मानव शरीर में 600 से अधिक प्रकार के एंटीजन होते हैं, जिनके अलग-अलग संयोजन से नए ब्लड ग्रुप बन सकते हैं। ISBT हर ऐसे संयोजन को नहीं, बल्कि संपूर्ण सिस्टम को मान्यता देता है। सबसे आम सिस्टम ABO और Rh हैं लेकिन दुर्लभ सिस्टम्स का भी ट्रांसफ्यूजन में बहुत महत्व होता है।