● 26/11 के हीरो का छलका दर्द

नई दिल्ली।
देश में इन दिनों भाषाई अस्मिता को लेकर फिर एक बार बहस तेज हो गई है। तमिलनाडु के बाद अब महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी को लेकर जुबानी जंग छिड़ चुकी है। इसी बहस के बीच एक ऐसी आवाज उठी है, जिसने देश के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाई थी – 26/11 के हीरो और मरीन कमांडो (MARCOS) प्रवीण कुमार तेवतिया की।
तेवतिया ने सोशल मीडिया पर एक तीखा संदेश दिया है, जो न केवल राज ठाकरे जैसे नेताओं को चुनौती देता है बल्कि पूरे देश को भी झकझोरता है। उन्होंने एक तस्वीर साझा की है जिसमें वे वर्दी में हैं, बुलेटप्रूफ जैकेट पर ‘UP’ लिखा है और कंधे पर बंदूक लटकी हुई है। तस्वीर के साथ लिखा गया है-‘मैंने 26/11 को मुंबई को बचाया था। मैं यूपी से हूं लेकिन महाराष्ट्र के लिए खून बहाया है। मैंने ताज होटल को बचाया था। राज ठाकरे के तथाकथित योद्धा उस दिन कहां थे? देश को भाषा के नाम पर मत बांटो। मुस्कुराहट के लिए किसी भाषा की जरूरत नहीं होती।’
यह टिप्पणी उन्होंने उस वक्त की जब महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने भाषा के नाम पर हो रही गुंडागर्दी पर सख्त रुख अपनाया है। तेवतिया की इस पोस्ट को फडणवीस के उस बयान के एक सशक्त समर्थन के रूप में देखा जा रहा है।
कौन हैं प्रवीण तेवतिया?
प्रवीण तेवतिया वही वीर हैं, जिन्होंने 26/11 के आतंकी हमलों के दौरान ताज होटल में मोर्चा संभाला था। गोली लगने के बावजूद ऑपरेशन जारी रखा और 150 से ज्यादा लोगों की जान बचाई थी।