
जय हिंद एक देशभक्तिपूर्ण नारा है जिसका अर्थ है भारत की विजय। यह नारा सबसे पहले क्रांतिकारी चेम्बाकरमण पिल्लई ने 1908 में जर्मनी में रहते हुए प्रयोग किया। 1933 में पिल्लई ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से मुलाकात कर उनका इसी नारे से अभिवादन किया, जिससे नेताजी प्रभावित हुए।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान आज़ाद हिंद फौज के गठन पर नेताजी के सचिव आबिद हुसैन ने इसे युद्धघोष बनाने का सुझाव दिया। 2 नवम्बर 1941 को यह ‘जय हिंद’ आजाद हिंद फौज का आधिकारिक नारा बन गया।
आजादी के बाद 15 अगस्त 1947 को जवाहरलाल नेहरू ने अपने ऐतिहासिक भाषण का समापन जय हिंद से किया। स्वतंत्र भारत की पहली डाक टिकट पर भी जय हिंद अंकित था। यह नारा आज भी भारत की राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बना हुआ है।