● शोध: संगीत केवल ध्वनि नहीं, स्मृति का सेतु भी है

वाशिंगटन।
संगीत केवल मनोरंजन नहीं बल्कि हमारी यादों से गहराई से जुड़ा होता है। यह बात अब एक नए वैज्ञानिक शोध ने और स्पष्ट कर दी है। जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि किसी संगीत के प्रति हमारी भावनात्मक प्रतिक्रिया हमारी स्मरण शक्ति को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाती है।
शोध “Fine-tuning the details: post-encoding music differentially impacts general and detailed memory” को केला क्लार्क और स्टेफनी एल. लील ने मिलकर किया है। उन्होंने कॉलेज छात्रों पर एक प्रयोग किया, जिसमें पहले उन्हें घर में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की तस्वीरें दिखाई गईं। इसके बाद छात्रों को अलग-अलग प्रकार का संगीत सुनाया गया और फिर उन्हीं या नई वस्तुओं की तस्वीरें दिखाकर पूछा गया कि वे उन्हें पहचानते हैं या नहीं।
चौंकाने वाली बात यह रही कि संगीत का प्रकार चाहे वह खुश हो, उदास हो, पहचाना हुआ हो या नया, स्मृति प्रदर्शन पर ज्यादा असर नहीं डालता। बल्कि जिन छात्रों ने उस संगीत से गहरा भावनात्मक जुड़ाव महसूस किया, वे वस्तुओं को बेहतर और सटीक तरीके से याद रख सके।
म्यूज़िक थेरेपी को मिल सकती है नई दिशा
यह खोज विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अल्जाइमर या डिमेंशिया जैसी स्मृति क्षीणता से जूझ रहे हैं। अब यह स्पष्ट हो रहा है कि इलाज में संगीत का चयन सिर्फ शैली पर आधारित न होकर, व्यक्तिगत भावनात्मक जुड़ाव पर आधारित होना चाहिए। हालांकि शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि यह अध्ययन सीमित गीतों पर आधारित था और भविष्य में व्यक्तिगत पसंद के अनुसार गानों का चयन करके और गहराई से अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है।
इस शोध से एक नई समझ विकसित हुई है कि संगीत सिर्फ एक अनुभव नहीं, बल्कि मस्तिष्क और स्मृति को प्रभावित करने वाला एक शक्तिशाली उपकरण है। यह शोध म्यूज़िक थेरेपी के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोल सकता है।
स्रोत: Journal of Neuroscience, 23 June 2025
DOI: 10.1523/JNEUROSCI.0158-25.2025