◆ हिंदी सहित 5 भाषाएं टॉप 20 में
- धर्मेंद्र पांडेय
दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं की सूची में इस वर्ष भी भारतीय भाषाओं का दबदबा कायम है। प्रसिद्ध डेटा प्लेटफ़ॉर्म “Visual Capitalist” और भाषाई शोध संस्था Ethnologue द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, हिंदी अब दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बन गई है, जिसे करीब 609 मिलियन लोग बोलते हैं। यह उपलब्धि भारत की भाषाई विविधता और वैश्विक प्रभाव का मजबूत संकेत है।

इस सूची में पहले स्थान पर अंग्रेज़ी (1.528 बिलियन वक्ता) और दूसरे स्थान पर मंदारिन चीनी (1.184 बिलियन वक्ता) रही, जबकि हिंदी ने तीसरा स्थान हासिल करते हुए स्पेनिश, फ्रेंच, और अरबी जैसी वैश्विक भाषाओं को पीछे छोड़ दिया।
भारत की अन्य भाषाएं भी टॉप 20 में
हिंदी के साथ-साथ कई अन्य भारतीय भाषाओं ने भी अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई है: बंगाली: 272 मिलियन वक्ता (7वां स्थान), उर्दू: 144 मिलियन वक्ता (11वां स्थान), मराठी: 99 मिलियन वक्ता (15वां स्थान), तेलुगु: 96 मिलियन वक्ता (16वां स्थान)।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत न केवल सांस्कृतिक रूप से, बल्कि भाषाई रूप से भी विश्व मानचित्र पर एक महाशक्ति बनकर उभर रहा है।
इंटरनेट पर अंग्रेज़ी का दबदबा लेकिन…
हालांकि इंटरनेट पर अभी भी अंग्रेज़ी भाषी कंटेंट का वर्चस्व है, लेकिन स्मार्टफोन और डिजिटल सेवाओं की बढ़ती पहुंच के साथ भारतीय भाषाओं की ऑनलाइन हिस्सेदारी में भी तेज़ी से इज़ाफा हो रहा है। कई स्टार्टअप, मोबाइल ऐप्स और डिजिटल पब्लिशिंग प्लेटफॉर्म अब क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट प्रदान कर रहे हैं, जिससे हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु और अन्य भाषाओं को डिजिटल विस्तार मिल रहा है।
दुनिया के भाषाई मानचित्र पर हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं की सशक्त उपस्थिति यह दर्शाती है कि भारत की भाषाई विरासत सिर्फ जीवित ही नहीं है बल्कि वैश्विक मंच पर लगातार प्रभाव बढ़ा रही है। हिंदी का तीसरे स्थान पर पहुँचना सिर्फ सांख्यिकीय उपलब्धि नहीं बल्कि भारत की बढ़ती सांस्कृतिक सॉफ्ट पावर का भी प्रतीक है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)