
पेरिस।
सर्जरी के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति आई है। अब नसों को जोड़ने के लिए टांकों की जरूरत नहीं पड़ेगी। फ्रांस की बायोटेक कंपनी TISSIUM द्वारा विकसित की गई कोप्टियम कनेक्ट सिस्टम को अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की मंजूरी मिल गई है। यह तकनीक बिना टांकों के नसों को जोड़ने में सक्षम है और सर्जरी की पारंपरिक पद्धति को पूरी तरह बदलने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
कोप्टियम कनेक्ट सिस्टम में एक विशेष 3डी प्रिंटेड चैंबर और लाइट-एक्टिवेटेड बायोपॉलीमर का इस्तेमाल होता है। डॉक्टर कटे हुए नर्व सिरों को इस चैंबर में रखते हैं और फिर विशेष रोशनी के जरिए बायोपॉलीमर को सक्रिय कर नसों को आपस में जोड़ा जाता है। इस प्रक्रिया में न टांके लगाने की जरूरत होती है, न ही ज्यादा घाव होता है।
शानदार रहे ट्रायल के नतीजे
FDA की मंजूरी से पहले किए गए शुरुआती मानव परीक्षणों में यह तकनीक पूरी तरह सफल साबित हुई है।
सभी 12 मरीजों में नसों की पूरी कार्य क्षमता वापस आई। 12 महीनों तक किसी भी मरीज को दर्द नहीं हुआ और कहीं भी टांका लगाने की जरूरत नहीं पड़ी, जिससे निशान भी नहीं बने।
TISSIUM के सीईओ गिलॉम गंजे ने इसे चिकित्सा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया है। उनका कहना है कि यह तकनीक न केवल सर्जरी को कम जटिल बनाएगी बल्कि मरीजों के लिए दर्द रहित और तेज़ उपचार का मार्ग भी खोलेगी।
सर्जरी का भविष्य तैयार
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक भविष्य में रीजनरेटिव सर्जरी की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। दुर्घटना, कटने या ऑपरेशन के दौरान डैमेज हुई नसों को अब सुरक्षित, तेज और प्रभावी तरीके से जोड़ा जा सकेगा।
TISSIUM फिलहाल इस तकनीक को अमेरिका और यूरोप के प्रमुख मेडिकल सेंटर्स में उपलब्ध करा रही है। उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह प्रणाली भारत सहित अन्य देशों में भी अपनाई जाएगी।
स्रोत: FDA, TISSIUM