● वैज्ञानिकों ने उजागर किया अद्भुत प्राकृतिक चक्र

नई दिल्ली।
वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि अमेज़न वर्षावन के कई पेड़ खुद अपनी बारिश बनाने की क्षमता रखते हैं। हालिया शोध के मुताबिक ये पेड़ वाष्पशील कार्बनिक यौगिक जैसे इसोप्रीन और टर्पीन्स छोड़ते हैं, जो वायुमंडल में जाकर सूक्ष्म कण का निर्माण करते हैं। ये कण बादलों के बीज की तरह काम करते हैं और वर्षा को उत्प्रेरित करते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार यह प्रक्रिया एक आत्मनिर्भर चक्र बनाती है, जिससे जंगल लगातार हरा-भरा और नम बना रहता है। हालांकि, वनों की कटाई इस प्राकृतिक प्रणाली को बाधित कर रही है, जिससे न केवल अमेज़न का पारिस्थितिक संतुलन, बल्कि वैश्विक जलवायु भी खतरे में है।
वैज्ञानिक प्रमाण
वॉक्स और नेचर कम्युनिकेशन्स में प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार अमेज़न के पेड़ बारिश के बाद और यहां तक कि रात के समय भी वाष्पशील कार्बनिक यौगिक उत्सर्जित करते हैं, जो ओज़ोन और अन्य वायुमंडलीय यौगिकों के साथ प्रतिक्रिया कर बादल बनाने वाले नैनोकण पैदा करते हैं।
साइंसडेली और Phys.org की रिपोर्ट के मुताबिक बारिश के दौरान बनने वाले ये नैनोकण कुछ घंटों में बड़े होकर वर्षा प्रेरित करने की क्षमता रखते हैं।
CERN के CLOUD प्रोजेक्ट ने दिखाया कि सेस्क्विटर्पीन्स नामक यौगिक, अन्य वाष्पशील कार्बनिक यौगिक के साथ मिलकर, क्लाउड निर्माण की दक्षता को दोगुना कर सकते हैं।
वैज्ञानिकों की चेतावनी
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि अमेज़न में वनों की कटाई जारी रही तो यह बारिश बनाने वाली मशीन कमजोर पड़ सकती है। इससे स्थानीय वर्षा चक्र टूट सकता है और वैश्विक जलवायु परिवर्तन की गति तेज हो सकती है।
स्रोत: Vox, Nature Communications, SciTechDaily, Phys.org, Wired