● मुंबई की अनमता ने अपने प्रत्यारोपित हाथ से गुजरात के शिवम को राखी बांधी

वलसाड।
समुद्र किनारे बहती हवा, राखी का दिन और आंखों से छलकते आंसू वलसाड के तीथल बीच रोड पर इस रक्षाबंधन पर ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसे वहां मौजूद कोई भी भूल नहीं सकेगा।
मुंबई की 16 वर्षीय अनमता अहमद, एक मुस्लिम किशोरी ने राखी बांधी अपने ‘नए भाई’ शिवम मिस्त्री की कलाई पर। लेकिन इस राखी को खास बनाने वाला था वह हाथ जो रिया मिस्त्री का था, शिवम की प्यारी बहन, जो अब इस दुनिया में नहीं रही।
दो साल पहले, 2022 में अनमता का जीवन एक दुर्घटना में बदल गया। हाई-टेंशन तार से छू जाने के बाद उनका दाहिना हाथ कंधे से ऊपर काटना पड़ा, और बायां हाथ भी लगभग निष्क्रिय हो गया।
सितंबर 2024 में वलसाड की 9 वर्षीय रिया अचानक बीमार पड़ी। सिरदर्द और उल्टियों के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने सीटी स्कैन में बताया कि वह ब्रेन-डेड हो चुकी है। यह खबर उसके परिवार के लिए किसी तूफान से कम नहीं थी। लेकिन इस दर्द में भी उन्होंने इंसानियत का सबसे बड़ा कदम उठाया अपनी बेटी का हाथ दान कर दिया।

एक स्वयंसेवी संस्था की मदद से रिया का दाहिना हाथ अनमता को प्रत्यारोपित किया गया। यह न केवल चिकित्सा के इतिहास में एक रिकॉर्ड बना, सबसे कम उम्र की डोनर और सबसे कम उम्र की कंधे-स्तरीय प्राप्तकर्ता बल्कि दो अजनबी परिवारों के बीच अटूट रिश्ता भी जोड़ गया।
इस राखी पर जब अनम्ता ने शिवम की कलाई पर राखी बांधी, दोनों परिवारों की आंखों में आंसू भर आए। शिवम ने धीरे से कहा, ‘रिया तो चली गई… लेकिन उसका हाथ, उसका स्पर्श अब भी मेरे पास है। अब अनमता मेरी बहन है।’
अनमता की आवाज भी भर्रा गई, ‘मेरे पास भाई नहीं था… शिवम ने अपनी बहन खो दी थी… अब हम दोनों का रिश्ता खून का नहीं लेकिन दिल का है। मैं हर साल इस हाथ से राखी बांधूंगी।
वहां मौजूद हर कोई समझ रहा था कि यह कहानी धर्म या जाति की नहीं बल्कि प्रेम, त्याग और मानवता की है। समुद्र की लहरें मानो इस अनोखे बंधन का गीत गा रही थीं।
साभार: Times of India | Indian Express | Free Press Journal