● सामान उठाता है, स्कैन करता है और डिलीवर करता है

बेंगलुरु।
बेंगलुरु के एक वेयरहाउस में एक ह्यूमनॉइड रोबोट शेरपा मेका बड़ी सहजता से वर्कस्टेशनों के बीच घूमता है। वह सामान उठाता है, स्कैन करता है और डिलीवर करता है, वह भी बिना एक पल की देरी के।
यह Ati Motors की नई पेशकश है, जो अब तक अपने ऑटोनॉमस मोबाइल रोबोट्स (AMRs) के लिए जानी जाती थी। इस लॉन्च के साथ कंपनी ने साफ कर दिया है कि ह्यूमनॉइड अब सिर्फ विज्ञान-फंतासी फिल्मों की शोभा नहीं बल्कि भारतीय फैक्ट्रियों का हिस्सा बनने लगे हैं।
Ati Motors का कहना है कि उसका शेरपा रेंज हर साल 10 लाख से अधिक स्वचालित मिशन पूरे करने की राह पर है, जो भारत से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया, अमेरिका और मैक्सिको तक की फैक्ट्रियों में काम करेगा। शेरपा मेका का लक्ष्य है, मशीन की दक्षता में मानव जैसी निपुणता जोड़कर पूर्ण स्वचालन के और करीब पहुंचना।
कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ सौरभ चंद्र इसे मानव-प्रेरित मशीन बताते हैं लेकिन ऐसे उपकरण के रूप में जो ज़रूरत से ज़्यादा इंसान जैसा बनने की कोशिश नहीं करता।
मनी कंट्रोल से बातचीत में सौरभ चंद्र ने कहा, ‘दुनिया में बहुत से ह्यूमनॉइड ‘बहुत ज्यादा इंसान जैसे’ बनने के लिए बनाए जाते हैं। हमारा तरीका है इंसान से प्रेरणा लेना, लेकिन मशीन की ताकत का पूरा इस्तेमाल करना।’
पैरों की बजाय शेरपा मेका फैक्ट्री फ्लोर पर स्पीड और स्थिरता के लिए पहियों का इस्तेमाल करता है। इसके कार्बन-फाइबर हाथ लगभग 1 मीटर की दूरी तक 12 किलो उठा सकते हैं जबकि भविष्य के संस्करण 35 किलो तक उठाने में सक्षम होंगे।
मानव जैसी उंगलियों की जगह इसमें अदला-बदली योग्य टूल्स लगे हैं, जिन्हें काम के बीच बदला जा सकता है। इस तरह यह बिन-पिकिंग से आइटम-पिकिंग में बिना समय गंवाए बदल सकता है। हाथों में लगे कैमरे निरीक्षण और माप-जोख जैसे सटीक कार्यों में मदद करते हैं।
फिलहाल इसे एक रिसर्च प्रोडक्ट के तौर पर पेश किया गया है, जो अगले एक साल तक इंडस्ट्रियल रिसर्च टीमों और विश्वविद्यालयों के साथ काम करेगा, उसके बाद ही प्रोडक्शन में आएगा।
Ati Motors को उम्मीद है कि इसका इस्तेमाल विशेष रूप से डिस्क्रीट मैन्युफैक्चरिंग में होगा। खासकर ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स असेंबली में, जहां छोटे और जटिल पुर्ज़ों को संभालने के लिए निपुणता और स्थिरता दोनों जरूरी होती हैं।
■ सोर्स: Moneycontrol