● नई रिसर्च ने चौंकाया लेकिन विशेषज्ञों ने चेताया

नई दिल्ली।
कॉफी केवल सुबह की ताजगी नहीं बल्कि मस्तिष्क की सेहत से भी जुड़ी हो सकती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में दिसंबर 2024 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार जो लोग दिन में पाँच या उससे अधिक कप कॉफी पीते हैं, उनके मस्तिष्कीय प्रदर्शन (कॉग्निटिव फ़ंक्शन) औसतन 6.7 वर्ष युवा पाए गए।
अध्ययन का निष्कर्ष
यह शोध विशेष रूप से आर्टियल फिब्रिलेशन (AFib) से पीड़ित लगभग 73 वर्ष औसत आयु वाले लोगों पर किया गया। इनमें कॉफी पीने वालों की ध्यान क्षमता, प्रतिक्रिया समय और हाथ-आंख का समन्वय बेहतर पाया गया।
कारण क्या हो सकते हैं?
वैज्ञानिकों का मानना है कि कॉफी में मौजूद कैफीन और पॉलीफेनॉल्स मस्तिष्क में सूजन घटाते हैं और न्यूरॉन्स को सुरक्षा प्रदान करते हैं। यही कारण है कि कॉफी पीने वालों की संज्ञानात्मक (cognitive) क्षमता बेहतर दिखी।
यह अध्ययन क्रॉस-सेक्शनल था, यानी केवल एक समय पर आँकड़े लिए गए। इसमें केवल AFib रोगी शामिल थे, इसलिए पूरे समाज पर इसे लागू करना सही नहीं होगा। अत्यधिक कॉफी का सेवन कई लोगों में नींद की गड़बड़ी, चिंता और दिल की तकलीफ़ें भी बढ़ा सकता है।
अन्य शोध क्या कहते हैं?
ऑस्ट्रेलिया में हुए दीर्घकालिक अध्ययन में पाया गया कि मध्यम कॉफी सेवन (1–3 कप/दिन) स्मृति ह्रास धीमा करने और अल्ज़ाइमर से बचाव में सहायक हो सकता है। कई अंतरराष्ट्रीय शोध इस बात की पुष्टि करते हैं कि कॉफी सतर्कता और सोचने की क्षमता को तुरंत बेहतर बनाती है।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि कॉफी का आनंद संयमित मात्रा (1–3 कप प्रतिदिन) में लिया जाए।