● प्रदूषण को दूर करने में मिलेगी मदद

नई दिल्ली।
प्लास्टिक प्रदूषण से जूझती दुनिया के लिए वैज्ञानिकों और स्टार्टअप्स ने एक टिकाऊ समाधान खोज निकाला है। अब मशरूम मायसीलियम से बनी पैकेजिंग स्टायरोफोम का पर्यावरण–अनुकूल विकल्प बनकर सामने आ रही है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि मायसीलियम मशरूम की जड़ जैसी संरचना कृषि अपशिष्ट पर बेहद तेजी से पनपती है और सिर्फ एक से दो सप्ताह में पैकेजिंग सामग्री तैयार हो जाती है। यह पूरी तरह प्राकृतिक है और 30 से 90 दिनों में नष्ट होकर मिट्टी में मिल जाती है, बिना कोई जहरीला अवशेष छोड़े।
यह सामग्री न केवल हल्की और मजबूत है बल्कि किसी भी आकार में ढाली जा सकती है। यही कारण है कि इसका इस्तेमाल फूड कंटेनर, शिपिंग बॉक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोटेक्शन पैकेजिंग के लिए बढ़ रहा है। पारंपरिक स्टायरोफोम की तुलना में यह कम कार्बन उत्सर्जन करती है और पर्यावरण पर बोझ नहीं डालती।
भारत में भी इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल हुई है। आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने हाल ही में कृषि एवं पेपर कचरे से मशरूम पैकेजिंग तैयार की है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि यह तकनीक बड़े पैमाने पर अपनाई गई तो प्लास्टिक फोम पर निर्भरता घटेगी और प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी।
स्रोत: #Times of India – IIT-M develops biodegradable packaging from agricultural waste#Wikipedia – Mycelium-based materials
