● 40 की उम्र के बाद धुंधली नजर को कर सकती है ठीक, असर रहेगा पूरे दो साल तक

मुंबई। उम्र बढ़ने के साथ पास की चीजें साफ न दिखने की समस्या यानी प्रेसबायोपिया से जूझ रहे लोगों के लिए वैज्ञानिकों ने एक नई उम्मीद जगाई है। विशेषज्ञों ने ऐसी आई ड्रॉप विकसित की है जो आंखों के धुंधलेपन को दूर कर सकती है और इसका असर करीब दो साल तक बना रहता है। यह ड्रॉप उन लोगों के लिए सस्ता और आसान विकल्प हो सकती है जो चश्मा पहनना नहीं चाहते या सर्जरी से बचना चाहते हैं।
776 लोगों पर हुआ परीक्षण
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार इस रिसर्च में 776 लोगों ने भाग लिया। सभी को दिन में दो बार पिलोकार्पिन और डाइक्लोफेनाक युक्त आई ड्रॉप दी गई। प्रतिभागियों को तीन अलग-अलग समूहों में बांटा गया। जहां सभी को डाइक्लोफेनाक की समान मात्रा दी गई, वहीं पिलोकार्पिन की मात्रा अलग-अलग रखी गई।
परिणाम चौंकाने वाले
- ड्रॉप डालने के सिर्फ एक घंटे बाद ही प्रतिभागियों की दृष्टि में सुधार देखने को मिला।
- औसतन लोग नेत्र चार्ट पर 3.45 पंक्तियां ज्यादा पढ़ पाए।
- एक प्रतिशत पिलोकार्पिन समूह में 99 प्रतिशत1 प्रतिभागियों की नजदीक की नजर बेहतर हो गई।
- 2 प्रतिशत पिलोकार्पिन वाले समूह में 69% लोग तीन या अधिक पंक्तियां पढ़ पाए।
- 3 प्रतिशत पिलोकार्पिन समूह में यह आंकड़ा 84 प्रतिशत रहा।
हल्के साइड इफेक्ट्स भी
इन आई ड्रॉप्स के कुछ हल्के साइड इफेक्ट्स भी देखे गए, जैसे थोड़ी देर के लिए धुंधला दिखना, आंखों में जलन और हल्का सिर दर्द। हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि इनका इस्तेमाल सुरक्षित है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज से बुजुर्गों को बड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन सुरक्षा और असर को पूरी तरह साबित करने के लिए अभी और बड़े पैमाने पर लंबे शोध की आवश्यकता है।