
टोक्यो। जापान 2025 में अंतरिक्ष से सीधे धरती पर सौर ऊर्जा भेजने का ऐतिहासिक प्रयोग करने की तैयारी कर रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का नाम “ओहिसामा (OHISAMA)” है। इसके तहत जापानी वैज्ञानिक लगभग 180 किलो का एक उपग्रह पृथ्वी की निचली कक्षा (लगभग 400 किलोमीटर ऊँचाई) पर भेजेंगे।
उपग्रह पर लगे सौर पैनल लगातार सूर्य की रोशनी को संग्रहित करेंगे और फिर उसे ऊर्जा में बदलकर माइक्रोवेव सिग्नल के रूप में धरती पर स्थित रिसीविंग स्टेशन तक भेजेंगे। इस प्रयोग का लक्ष्य है कि उपग्रह से लगभग 1 किलोवाट बिजली पृथ्वी तक सफलतापूर्वक पहुँचाई जा सके। यह मात्रा भले ही बहुत छोटी हो, लेकिन इसे अंतरिक्ष सौर ऊर्जा उत्पादन की दिशा में “प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट” माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रयोग भविष्य में बड़े पैमाने पर ऊर्जा आपूर्ति का आधार बन सकता है। चूँकि अंतरिक्ष में सौर पैनलों को बादल, मौसम या दिन-रात की बाधा का सामना नहीं करना पड़ता, इसलिए वहाँ से मिलने वाली ऊर्जा निरंतर और स्थिर होगी।
हालाँकि, अभी यह परियोजना व्यावसायिक स्तर पर नहीं पहुँची है। इस समय इसका मकसद केवल यह साबित करना है कि अंतरिक्ष से धरती पर सुरक्षित और प्रभावी ढंग से ऊर्जा पहुँचाई जा सकती है। यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो यह नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत हो सकती है।
स्रोत: Space.com, IEEE Spectrum, Power Info Today
