
● नई दिल्ली
छह माह बाद भी पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के निशान दिखाई दे रहे हैं। ताज़ा सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि इस्लामाबाद अब भी नुकसान की भरपाई में जुटा है। यह आकलन ओएसआईएनटी विश्लेषक डेमियन साइमन ने किया है। वही रिसर्चर जिन्होंने सबसे पहले यह खुलासा किया था कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किराना हिल्स स्थित परमाणु हथियार भंडारण स्थल को निशाना बनाया था।
साइमन की हालिया एक्स पोस्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस पर एक नई सुविधा का निर्माण शुरू कर दिया है। यह वही ठिकाना है जिसे मई 2025 के युद्ध में भारतीय सेना ने निशाना बनाया था। साइमन के अनुसार नई संरचना का निर्माण उस क्षति की भरपाई का हिस्सा है, जिसकी विस्तृत मरम्मत अभी जारी है।
सैटेलाइट तस्वीरें यह भी दिखाती हैं कि उत्तरी सिंध के जैकोबाबाद एयरबेस पर स्थित क्षतिग्रस्त हैंगर की मरम्मत अभी पूरी नहीं हो सकी है। उसकी छत को चरणबद्ध तरीके से हटाया गया है। साइमन का अनुमान है कि पूर्ण पुनर्निर्माण से पहले आंतरिक क्षति का आकलन करने के लिए ऐसा किया गया होगा।
15 और 16 नवंबर को साझा की गई तस्वीरों के आधार पर साइमन का निष्कर्ष है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकाने गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे, और उनमें से कई अब भी पूरी तरह पुनर्स्थापित नहीं हो पाए हैं।
