
● मुंबई।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर ब्रह्मकुमारीज मालाड केंद्र में पत्रकारों के सम्मान के लिए एक भव्य समारोह आयोजित हुआ। मंच का प्रमुख आकर्षण ‘मीडिया और अध्यात्म’ विषय पर विशेष परिचर्चा रही, जिसमें वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने अनुभव साझा किए तथा पत्रकारिता और आध्यात्मिकता के समन्वय की सूक्ष्मताओं पर भी प्रकाश डाला।
वरिष्ठ पत्रकार अभय मिश्र ने पत्रकारिता के बदलते आयामों पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रिंट मीडिया का विस्तार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के रूप में हुआ और आज डिजिटल स्वरूप को भी लोग पसंद कर रहे हैं। मिश्र ने कहा कि आध्यात्मिक दृष्टि अपनाने से पत्रकार अधिक जिम्मेदार, संवेदनशील और संतुलित बनता है।
वरिष्ठ पत्रकार सुनील सिंह ने अपने दीर्घ अनुभवों को साझा किया। उन्होंने 26/11 हमले सहित कुछ अन्य घटनाओं की विपरीत परिस्थितियों में की गई रिपोर्टिंग और उस वक्त के मानसिक दबाव का उल्लेख करते हुए बताया कि जीवन में धर्म-अध्यात्म ही कठिन समय में आपका बल बनता है।

पत्रकार विकास संघ के अध्यक्ष आनंद मिश्रा ने तकनीक के युग में पत्रकारिता की बढ़ती चुनौतियों का विश्लेषण किया और कहा कि आज मीडिया समाज सुधार की दिशा में पहले से अधिक प्रभावशाली भूमिका निभा रहा है। उन्होंने इंसानियत को सबसे बड़ा अध्यात्म बताया।
समारोह में दैनिक यशोभूमि के संवाददाता अजय सिंह, नवभारत के संवाददाता भगवती मिश्रा, मेट्रो दिनांक के संपादक दीनानाथ तिवारी, संगठन भारत के संपादक राजकिशोर तिवारी समेत अनेक वरिष्ठ पत्रकारों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
ब्रह्मकुमारीज की वरिष्ठ शिक्षिका नीरजा बहन ने कहा कि अध्यात्म मनुष्य के विचारों को परिष्कृत कर जीवन को ऊंचा उठाता है। उन्होंने पत्रकारों को समाज का दर्पण बताते हुए उनके योगदान की सराहना की।
कार्यक्रम का सुंदर संयोजन बीके संजय ने किया। कार्यक्रम में सेवाधारी बीके रवि अरोरा, बीके सोहन कछुवा, बीके उमा, बीके शामली, बीके अरुणा जी, बीके गीता अरोरा, बीके शांभवी का योगदान उल्लेखनीय योगदान रहा।
