
● भोपाल
मध्य प्रदेश में एक अनोखा लाल-चेकर्ड हाईवे तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य सड़क संपर्क बढ़ाने के साथ-साथ जंगलों में रहने वाले वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। भोपाल–जबलपुर के बीच एनएच-45 का 11.96 किमी लंबा हिरन–सिंदूर खंड नौरा देही अभयारण्य और वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व से होकर गुजरता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस पूरे हिस्से में 25 अंडरपास बनाए हैं ताकि हिरण, सियार, सांभर और बाघ जैसे जानवर बिना बाधा सड़क के नीचे से पार जा सकें। दोनों ओर आठ फीट ऊँची लोहे की बाड़ के बावजूद कुछ स्थान दुर्घटनाजन्य बने हुए बताए जाते हैं।
ड्राइवरों को सावधान करने के लिए सड़क पर लाल “टेबल-टॉप” मार्किंग बनाई गई है। यह उभरी हुई बनावट वाहन की गति स्वाभाविक रूप से कम कर देती है। लाल रंग इसलिए चुना गया है क्योंकि इसकी तरंग-लंबाई अधिक होने से यह तेजी से ध्यान खींचता है। लगभग 12 किमी की पूरी पट्टी पर यह लाल चेकर्ड पैटर्न बिछाया गया है।
दुर्घटनाओं के आंकड़े
पंजाब में पशु-वाहन टकराव से होने वाली मौतों में 53 प्रतिशत सीधे टकराव के मामले हैं। मध्य प्रदेश में पिछले दो वर्षों में ऐसे 237 हादसों में 94 लोगों की जान जा चुकी है। यही वजह है कि ग्रीन हाईवेज नीति-2015 के तहत इस प्रकार के सुरक्षा उपायों पर जोर दिया जा रहा है। परियोजना रिपोर्ट बताती है कि इस मार्ग के उन्नयन से पर्यटन और राजस्व में भी वृद्धि होगी, क्योंकि आसपास के वन क्षेत्र का पुनर्वर्गीकरण किया जा रहा है।
विश्व स्तर से सीख
कनाडा के बैनफ नेशनल पार्क में ट्रांस-कनाडा हाईवे के विस्तार के दौरान बाड़, अंडरपास और ओवरपास बनाकर वन्यजीवों के लिए सुरक्षित मार्ग विकसित किए गए। नीदरलैंड्स में तो 600 से अधिक “इकोडक्ट” बनाए जा चुके हैं, जिनमें 800 मीटर लंबा और 50 मीटर चौड़ा नात्यूरब्रुग जांडेरिज क्राइलो भी शामिल है।
