
26 जून से आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है, जो 4 जुलाई तक चलेगी। यह नवरात्रि देवी दुर्गा के दस महाविद्याओं को समर्पित होती है और तंत्र-साधना की दृष्टि से बेहद खास मानी जाती है।
इस दौरान देवी उपासना करने वालों को सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। इसे दुर्गा सप्तशती का सार माना गया है और इसका पाठ देवी के सभी स्वरूपों की विशेष कृपा दिला सकता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा दस रूपों दस महाविद्याओं में प्रकट होती हैं। इन रूपों की आराधना से न केवल जीवन की बाधाएं दूर होती हैं बल्कि सुख, शांति और समृद्धि भी प्राप्त होती है।
गुप्त नवरात्रि साधना का एक ऐसा पर्व है, जो श्रद्धा के साथ साथ साधकों को आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक ले जाने का मार्ग भी प्रशस्त करता है।